अपनी Memory ओर Focus कैसे बढ़ाए! | How to improve memory- 3 tips from Psychologist

अपनी Memory ओर Focus कैसे बढ़ाए!

एक साइकोलॉजिस्ट होने की वजह से मुझे कई बार यह सवाल किया जाता है की, Memory Power  बढ़ाने के लिए क्या करें? या फिर फोकस बढ़ाने के लिए क्या करें? उसमें भी ज्यादातर Students यह सवाल बहुत बार पूछते हैं। जिस के उत्तर में मैं उन्हें कुछ सुझाव या यूं कह लो थोड़े टिप्स देता हूं जिससे उन्हें काफी फायदा होता है।

तो यहा मैं उन पावरफुल टिप्स के बारे में बात करूंगा, जिससे हमारी याददाश्त भी बढ़ेगी और काम करने में फोकस भी बढ़ेगा।

आज हमारी लाइफ में बहुत सारे Distractions है, हम अपने आप को डिस्ट्रेक्ट होते हुए रोक भी नहीं पा रहे हैं। उसमें भी सबसे बड़ा डिस्ट्रेक्शन है हमारा मोबाइल फोन, जो लगातार ध्यान भटकाता रहता है।

 तो यहां पर मैं कहूंगा कि अगर आपने मोबाइल फोन के Use को भी कंट्रोल कर लिया तो आपका आधा काम तो यूं ही सरल हो गया समझो।

कुदरत ने हम सब को एक ही तरह की शरीर रचना और दिमागी क्षमता दी हुई है, मगर कोई इसका ज्यादा फायदा उठा सकता है और कोई बहुत कम। 

तो ऐसा क्यों है!

देखिए कुछ चीजें कुदरती है जिसे हम बदल नहीं सकते। मगर बहुत सी चीजें हमारे हाथ में होती है जिस पर काम करने से हम अपनी क्षमताओं को विकसित कर सकते हैं और अच्छे Results पा सकते हैं। अगर आप सही में अपनी मेमोरी को बढ़ाना चाहते हैं और ज्यादा फोकस से काम करना चाहते हैं तो आप सही मायने में इस चीज को लेकर सीरियस है और आप सफल हो सकते हैं ऐसा कह सकते हैं।

बस आपको यहां दी गई टिप्स को अपने Daily Routine में शामिल करना होगा जिसके परिणाम आपको थोड़े ही समय में दिखने शुरू हो जाएंगे।

1- कुछ समय नेचर के साथ गुजारे (some time with Nature)

अपनी Memory ओर Focus कैसे बढ़ाए!

देखिए यह कोई फिलोसॉफिकल बात नहीं है। यहां कोई कवि बनने की या लेखक बनने की बात नहीं है, बल्कि यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि, अगर आप दिन में कम से कम 30 मिनट भी किसी नेचुरल जगह पर शांति से बिताते हैं तो आपका Stress लेवल बहुत कम हो जाता है। 

साइक्लोजिकल थेरेपी में भी अब नेचर थेरेपी को शामिल किया जाने लगा है। जो लोग अपने जीवन में ज्यादा तनाव महसूस कर रहे हो उनके लिए भी यह नेचर थेरपी बहुत कारगर साबित हो सकती है।

अगर कोई विद्यार्थी भी अपने रूटीन में से 30 मिनट का समय किसी गार्डन में, नदी या तालाब किनारे, खेत में, जंगल में पेड़ पौधों के साथ या फिर अपने घर की छत पर सूर्यास्त देखने में लगाए तो वह अपनी पढ़ाई पर अच्छी तरह फोकस कर सकता है। क्योंकि नेचर आपके मन को शांत करता है। 

आजकल सिर्फ चार दीवारों में मोबाइल, लैपटॉप, टेबलेट, बुक्स, एयर कंडीशन, वाईफाई, कुर्सी और बेड के साथ पढ़ाई या काम हो रहा है। यह सब मृत चीज है जो हमको भी उसकी तरह मृत (dead) बनाती जा रही है। जबकि नेचर एक जीवंत (live) अनुभव है, जो हमारे अंदर जीवंतता का विकास करता है।

2- हेल्दी और हल्का खाना (Healthy food)

 

जो बात आज न्यूट्रीशनल साइकेट्रि (मनोचिकित्सा) कह रही है, वह बात हमारे योग शास्त्र और आयुर्वेद के ग्रंथों में हजारों साल पहले कहीं गई है, कि “सात्विक भोजन से (फ्रूट्स, वेजिटेबल्स, पचने में हल्का) हमारा Brain फंक्शन इंप्रूव होता है।

आजकल हमारी ज्यादातर एनर्जी हमारे द्वारा खाए गए भारी खाने (फास्ट एंड जंक फूड) को पचाने में या यूं कहें सड़ाने में खर्च हो जाती है। हमारे ऋषि-मुनियों ने उपवास या फलाहार को इतना महत्व क्यों दिया है! उसका कारण भी हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।

आप खुद भी ट्राई करके देख सकते हैं, जब आप अपनी डाइट में फ्रूट्स वेजिटेबल्स और हल्के अनाज को स्थान देंगे तो, आप ज्यादा energetic और focused महसूस करेंगे। किसी भी काम को करने में आलस का अनुभव नहीं होगा। आपकी नींद की quality भी improve होने लगेगी।

ये सभी चीजें आपके दिमाग को ज्यादा हेल्दी और एक्टिव रखने के लिए बहुत जरूरी है। आजकल होने वाली छोटी मोटी बीमारियां, नींद की समस्याएं, आलस और बेचैनी इन सभी चीजों का संबंध कहीं ना कहीं हमारे भोजन से भी जुड़ा हुआ है। यह बात वैज्ञानिक तौर पर स्पष्ट रूप से साबित हो चुकी है।

फोकस बढ़ाने के लिए अपने डाइट में omega 3 विटामिन b12, C और विटामिन D को शामिल करें और फिर इसके सकारात्मक परिणाम देखें।

3- सामाजिक संपर्क (Social Connection)

हम सब अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं, इसलिए हम पढ़ाई करते हैं Job या Business करते हैं। मगर सफल होने की दौड़ में हम जीवन के दूसरे पहलुओं को भूलते जा रहे हैं। एसा देखा गया है की Exam आते ही या किसी Goal को पाने के लिए हम हमारे सामाजिक ओर पारिवारिक जीवन को बिल्कुल शून्य कर देते है। जबकि यह सामाजिक कटाव हमे मानसिक तोर पर ओर ज्यादा कमजोर कर देता है। 

अब तक के इतिहास मे जो सबसे लंबा स्टडी हुआ है वो तकरीबन 80 या 90 साल तक चला था जिसका उद्देश्य हमारे जीवन में खुशी और सफलता के मापदंड सुनिश्चित था। यह study के अंत मे पाया गया की इंसान तभी सही मैंने मे शांत ओर सफल माना जाता है जब वह एक स्वस्थ सामाजिक जीवन जीत हो।  

 हम धीरे-धीरे जीवंत लोगों से अपने कनेक्शन को कमजोर करते गए हैं लोग व्यक्तिगत बातचीत से ज्यादा Social media या वर्चुअल कनेक्शन को अहमियत देने लगे हैं। यह चीजें हमारे दिमाग का वायरिंग बदल रही है, हमारे अंदर एक Anxiety (अकारण चिंता – भय) पैदा करके हमको अशांत कर रही है और अशांत मन कभी सही जगह पर फोकस नहीं कर सकता।

चाहे कितने भी Busy क्यों ना हो, हमें हमारे परिवार, दोस्त और आसपास के लोगों से जुड़े रहना चाहिए। कोई आकर हमसे जुड़ें उसकी राह देखे बिना हमें खुद ही कदम उठाना चाहिए।

Conclusion

तो अगर हम यहां पर अपनी बात को संक्षिप्त मे कहे तो एक जीवंत व्यक्ति होने के नाते हमें अपने जीवन में जीवंत वस्तुओं को स्थान देना चाहिए जैसे कि प्रकृति का साथ स्वस्थ और सात्विक जीवन शैली साथ ही हमें एक अच्छे सामाजिक व्यक्ति भी बनना चाहिए जिससे हम शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रह सके।

आप सोच रहे होंगे कि हमारी बात तो मेमोरी पावर और फोकस बढ़ाने के बारे में थी। मगर यह चीजें तो कुछ और ही दिशा में निर्देश कर रही है। तो यहां पर मैं यह चीज साफ कर दूं कि फोकस बढ़ाने के लिए आपने बहुत से ट्रिक्स अजमाये होंगे, जिसकी वजह से आपको थोड़ा बहुत फायदा हुआ हो, मगर उपरोक्त 3 चीजों को अपने Daily रूटीन में शामिल करने से आप अपनी दिमागी क्षमताओं को जरूर विकसित कर पाएंगे। ऐसा मुझे पूर्ण रुप से विश्वास है।

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