जो लोग कभी भी शराब नहीं पीते वो अक्सर सोचते है की लोग इतनी शराब क्यों पीते है? जबकि शराब इतनी हानिकारक है। शराब उनको शारीरिक, मानसिक,पारिवारिक,आर्थिक ओर सामाजिक सभी स्तर पर नुकसान करती है।
एसे लोग शराबीओ को एक पहेली के तोर पर देखते है।
जैसा कि एक आम आदमी का मानना है कि, मानव जीवन इंद्रियों के प्रभाव ओर भावनाओं पर चलता है। जबकि शरीर विज्ञान का मानना है कि शरीर के अंदर से निकलने वाले हार्मोन और रसायन मानवीय संवेदनाओ को प्रभावित करते हैं।
मनुष्य की प्रत्येक वृत्ति और क्रिया के पीछे सुख पाने का ही लक्ष्य होता है। भले ही व्यवहार स्वयं या दूसरों के लिए हानिकारक हो, अंतिम लक्ष्य खुशी है।
खुशी की इस चाहत में इंसान कई बार गलत आदतों का शिकार हो जाता है। जैसे गलत काम करके पैसे कमाने की प्रवृत्ति, शरीर को नुकसान पहुंचाने वाला खाना (फास्ट फूड जंक फूड), अनैतिक संबंध और नशीले पदार्थों (जैसे ड्रग्स और शराब) का सेवन करना।
यहां यह समझना जरूरी है कि जब किसी व्यक्ति के जीवन में तनाव, शोक, क्रोध, अपेक्षाएं, ईर्ष्या आदि की मात्रा बढ़ जाती है तो व्यक्ति का मन ऐसी गलत आदतों की ओर आकर्षित होने लगता है।
अब आप समझ सकते हैं कि आज के समय में भ्रष्टाचार, फास्ट फूड, जंक फूड का बढ़ता आकर्षण, अनैतिक संबंध और नशे की लत क्यों बढ़ता जा रहा है।
तो आइए बात करते हैं इन बुरी आदतों में से एक, ड्रग्स, शराब और अत्यधिक सेवन के बारे में।
आम आदमी को अभी Drugs इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं है। लेकिन आजकल 18 साल के युवा से लेकर 60 साल के अधेड़ उम्र के लोग शराब की लत के शिकार हो रहे हैं। साल में दो-चार बार दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करने वाले शौक़ीन लोगों की बात नहीं है। यहां उन लोगों की बात है जो शराब के बिना नहीं रह सकते, जिनके लिए शराब जीवन की समस्याओं का समाधान है।
- लेकिन वास्तव में ऐसे लोग अपने आप को धोखा दे रहे हैं। अगर उन्हें मौज-मस्ती करने के लिए, खुश रहने के लिए रोजाना शराब पीनी पड़ती है, तो यह साबित हो जाता है कि वे लोग बिना शराब पिए सामान्य जीवन में दुखी हैं।
- वे अपनी सामान्य अवस्था को enjoy नहीं कर पाते, बहुत जल्द ऊब जाते हैं। हालांकि, उन्हें इस बोरियत, इस दर्द, इस समस्या के कारणों को जानने और फिर इससे बाहर निकलने में कोई दिलचस्पी नहीं है। वास्तव में वे लोग कमजोर होते हैं।
उसके लिए एक शेयर याद रखा जाता है
“अगर तेरे में दम है तो इन मिनारों को हिलाके दिखा
वरना बेठ, दो पेग लगा ओर इनको हिलते हुए देख”
- बस यही हाल शराबियों का है। उनमें परिस्थिति का सामना करने की शक्ति नहीं होती।
- वे नहीं जानते कि सामान्य रूप से जीवन में सुख कैसे पाया जाए। शायद जानते हुए भी, वह संघर्ष नहीं करना चाहता।
- उनके लिए नशा करना आसान और सस्ता है।
- जब हमारे जीवन में समस्याएँ होती हैं, तो हम किसी भी एसी चीज़ की ओर मुड़ जाते हैं जो हमें राहत दे। चाहे वह व्यक्ति हो या शराब।
- जीवन में क्षणिक सुख भोगने के लिए शराब पीना कमजोरी की निशानी है।
- जीवन को समझदारी से जीना और आंतरिक और बाहरी समस्याओं का साहसपूर्वक सामना करना ही एक मजबूत आदमी की निशानी है।
मैं अपने नशामुक्ति केंद्र में आने वाले सभी लोगों से कहता हूं कि पहले अपनी समस्याओं का पता लगाएं और उन पर काम करना शुरू करें, जैसे जैसे आपके भ्रम, गलत धारणाएं, भय, संदेह, खराब संगत और मतभेद दूर होते जाएंगे वैसे वैसे अपने आप शराब की आवश्यकता कम हो जाएगी।
बस , यही इसका सही इलाज है। बाकी सपोर्ट के लिए कोई अच्छे डॉक्टर से सलाह ले सकते है वह आपकी परिस्थिति अनुसार थेरपी , दवाई ओर लाइफ स्टाइल मे बदलाव के लिए आपको गाइड कर सकते है।
फिर से एक बार एक बात समजने जैसी है की जब तक हम रोज शराब पीने के पीछे का कारण नहीं जान लेते तब तक हम शराब पर से अपनी निर्भरता से मुक्त नहीं हो सकते।
Lifeline Wellness
Arvindsinh Rana
Counseling Psychologist
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