ये 5 कारणों से होती है पैसों की कमी । क्या आप जानते है?

पैसों की कमी क्यों होती है! यह सवाल हम सब को परेशान करता है। पर क्या हम इसके पीछे छुपे कारणों को खोजने की कोशिस सही मायने मे करते है? अगर आप इसके सही कारण जानना चाहते है तो यह लेख आपके बहुत काम या सकता है।

मे पेशे से एक काउन्सेलिंग सायकोलोजीस्ट हु। मेरे पास कई लोग अपनी मानसिक समस्ये लेकर आते है। उन लोगों मेसे कई लोगों की मानसिक समस्याओ का कारण उनकी आर्थिक स्थिति का कमजोर होना ही होती है। क्यों की उनकी personality के कुछ इसे पहलू होते है जो की उनकी कमजोर financial स्थिति का जिम्मेदार होता है।
व्यावहारिक रूप से कहें तो पृथ्वी पर ऑक्सीजन और पानी के बाद अगर कोई तीसरी सबसे महत्वपूर्ण चीज है तो वह है पैसा, बाकी सब फिलोसोफि है। और यह फिलोसोफिस को समजने के लिए, व्यक्ति को सही मात्रा में विटामिन M (Money) की आवश्यकता होती है। अरे सन्यासियों का जीवन भी संसारी लोगों के धन से चलता है। अतः यह स्वीकार करना होगा कि पृथ्वी पर एक अच्छा जीवन जीने के लिए पर्याप्त धन का होना बहुत आवश्यक है। तो आज हमें बात करनी है कि आखिर क्यों कई लोग अक्सर पैसे की कमी से जूजते रहते हैं।

मेरा विषय Finance नहीं है, लेकिन यहां मे आपको पैसे की कमी रहने के पीछे हमारे कुछ

व्यावहारिक दृष्टिकोण और मानसिकता के बारे में बात करना चाहता हु।
तो आइए इसके पीछे के कारणों पर चर्चा करते हैं।

1) चमत्कार की आशा


कोई माने या न माने, एक आम आदमी के जीवन का मुख्य लक्ष्य अमीर बनना ही होता है। उसके लिए अक्सर वह बाहरी कारकों पर बहुत अधिक निर्भर रहता है।जैसे की कोई चमत्कार हो जाए, कोई अपनी दिव्य दृष्टि हम पर कर दे, कोई मन्नत पूरी हो जाए, कोई बाबा की बात सच हो जाए, किस्मत चमक जाए आदि। मगर उसे अपने भीतर कोई चमत्कार नहीं करना है।
यदि कोई व्यक्ति अपने भीतर चमत्कार करने की ठान ले तो अमीर बनने की जिम्मेदारी दूसरों पर नहीं डाल सकता। वास्तव में अपने भीतर बदलाव लाना बहुत जरूरी है और तब बाहरी कारक मदद कर सकते हैं।

2) मेहनत पर जरूरत से ज्यादा भरोसा


हमने कई लोगों को कहते सुना है कि “दिन रात काम करके भी दो पाई नहीं बचा पा रहे है”। हम चौबीस घंटे में से अठारह घंटे काम करते हैं लेकिन कुछ फायदा नहीं”। यहाँ यह महत्वपूर्ण है कि शारीरिक श्रम से मिलने वाले रिजल्ट की एक निश्चित सीमा होती है, जब मानसिक बुद्धि से कमाई की कोई सीमा नहीं होती। तो केवल शरीर को तोड़ने से कुछ नहीं होगा, बुद्धि का विकास भी आवश्यक है।

3) कौशल (Skill) की कमी


एक आम आदमी स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद पढ़ना और नई चीजें सीखना बंद कर देता है। उसे लगता है कि उम्र बीत चुकी है, अब बस काम करो और पैसे कमाओ। लेकिन अगर हम अपने आस-पास देखें तो पता चलेगा कि ज्यादा पैसे कमाने वाले वो लोग हैं जिनके पास डिग्री हो या न हो पर कुछ हुनर जरूर है और उस हुनर को वो लोग लगातार पैना करते रहते हैं। वह दुनिया की जरूरतों के अनुसार अपने कौशल का विकास करते रहेते है, जिससे वह पर्याप्त धन कमाते है।

4) समाज का अत्यधिक भय


यह सच है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है लेकिन समाज उसके विकास के लिए आवश्यक है न कि डर, शर्म और जबरदस्ती पैदा करने के लिए। साधारण लोग अपनी शक्ति से अधिक विवाह, मृत्यु, मन्नत, बर्थ डे पार्टी आदि पर पसीने से कमाई पूंजी खर्च कर देते हैं।
जब तक लोग हमारे बारे में केसी बाते करेंगे! लोग हमें कमजोर तो नहीं समझते! इस डर से वे अपनी बचत, फंड या कर्ज लेकर भी पैसा खर्च कर देते हैं। उसके बाद भले ही गुजर बसर करने मे भी समस्या हो। फिर वापस चमत्कार की प्रतीक्षा में लग जाते है। यह चक्र चलता रहता है।

5) अमीर होने का दिखावा


जब हम होटल, रेस्तरां, सिनेमा, सामाजिक समारोहों में जाते हैं,वहा ज्यादातर लोग अमीर दिखाना चाहते हैं। हम लोगों को दिखाना चाहते हैं कि हम अमीर हैं, हम आधुनिक हैं, हम कपड़े, वाहन, गहने, व्यवहार और महंगी चीजों का उपयोग करके दिखाना चाहते है की हम पैसे खर्च कर सकते हैं या हम भी अमिर है।
लेकिन आप ऐसा करते हुए किसी असली अमीर व्यक्ति को नहीं देखा होगा। उसका व्यवहार पारदर्शी, पाखंडी रहित और विनम्र होगा। असल में अमीर होना और अमीर दिखने के बीच यही अंतर है।
अंतत: व्यक्ति अमीर बनने की कोशिश मे अपने आप पर से विश्वास खो देता है, अपनी क्षमताओं का विकास करने की वजाय, रिश्वतखोरी और शॉर्ट कट का रास्ता अपनाते है।
यदि कोई इन पांच और ऐसी अन्य बातों पर ध्यान देता है, तो मुझे लगता है कि भले ही वह करोड़पति न बन सके, लेकिन खुशी-खुशी अपनी जरूरत से ज्यादा कमा सकता है, और इसका आनंद ले सकता है और संतुष्ट भी रह सकता है।

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Arvindsinh Rana

Counseling Psychologist

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